देहरादून स्थित प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के यूसीएफ भवन में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने लीड बैंक, उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के अधिकारियों, प्रबंधकों, महाप्रबंधकों (जीएम), जिला प्रबंधकों (डीएम), और प्रबंध निदेशक (एमडी) के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बैंक की प्रगति, प्रदर्शन, और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई ब्रांचों को न्यूनतम 5,000 खाते और 30 करोड़ डिपॉजिट का लक्ष्य डॉ. रावत ने सभी बैंक प्रबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक शाखा में न्यूनतम 5,000 नए खाते खोलना अनिवार्य है। इसके साथ ही, प्रत्येक शाखा में कम से कम 30 करोड़ रुपये का डिपॉजिट सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी शाखा प्रबंधक अपने निर्धारित लक्ष्यों को गंभीरता से लें और यदि कोई प्रबंधक इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल रहता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
1 अक्टूबर से शुरू होगा ऑनलाइन सदस्यता अभियान
मंत्री ने घोषणा की कि 1 अक्टूबर 2025 से एक व्यापक ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत एक लाख नए सदस्यों को जोड़ा जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य सहकारी बैंक की पहुंच को और व्यापक करना है।
सामाजिक क्षेत्र में योगदान का आह्वान
डॉ. रावत ने उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक को सामाजिक दायित्व निभाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि बैंक को स्कूल निर्माण जैसे सामाजिक कार्यों में सक्रिय योगदान देना चाहिए। उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में रुचि लेकर कार्य करने और समाज के उत्थान में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी शाखाओं को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी बैंक को अस्पतालों में एंबुलेंस के लिए भी काम करना चाहिए।
उत्तरकाशी और काशीपुर शाखाओं की सराहना
बैठक में उत्तरकाशी शाखा के प्रबंधक श्री इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उनकी शाखा ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की शत-प्रतिशत वसूली की है और वर्तमान में शाखा 36 लाख रुपये से अधिक के लाभ में है। इसी तरह, काशीपुर शाखा के प्रबंधक श्री मनोज बिष्ट ने बताया कि उनकी शाखा ने इस वर्ष लाभ अर्जित किया है और बेहतर प्रदर्शन किया है।
हानि में चल रही शाखाओं पर नाराजगी, सुधार के निर्देश
मंत्री ने हरिद्वार, गोपेश्वर, खटीमा, और बाजपुर की उन शाखाओं पर नाराजगी जताई, जो वर्तमान में हानि में चल रही हैं। उन्होंने इन शाखाओं को हर हाल में लाभ में लाने और इसके लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा बैठक श्रीनगर में होगी, जिसमें सभी शाखाओं को अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। कुल 15 ब्रांच हैं। चार के अलावा सभी ब्रांच प्रोफिट में हैं।
खर्च में कमी और एनपीए पर नियंत्रण के निर्देश
राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक प्रदीप मेहरोत्रा ने सभी शाखाओं को खर्चों में कमी लाने, सुरक्षित ऋण प्रदान करने, डिपॉजिट बढ़ाने, और एनपीए को कम करने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि एनपीए की वसूली और नियंत्रण पर विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए।
नई शाखाओं के लिए कमेटी गठन का निर्देश
मंत्री डॉ. रावत ने उन शाखाओं, जो अनुपयुक्त स्थानों पर संचालित हो रही हैं, के स्थानांतरण के लिए एक कमेटी गठन करने का निर्देश दिया। यह कमेटी उपयुक्त स्थानों का चयन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
सहकारिता को सशक्त बनाने का संकल्प
डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए सभी स्तरों पर कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों और प्रबंधकों से एकजुट होकर कार्य करने और सहकारिता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने का आह्वान किया। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में राज्य सहकारी बैंक की कॉर्पोरेट शाखा का नाम परिवर्तन किया जाए, क्योंकि वर्तमान में यह “कॉर्पोरेट” नाम के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है।
बैठक में जिला सहकारी बैंक टेहरी एवं हरिद्वार के पूर्व अध्यक्ष सुभाष रमोला एवं प्रदीप चौधरी,
अपर निबंधक ईरा उप्रेती,
प्रबंध निदेशक राज्य सहकारी बैंक प्रदीप मेहरोत्रा,जीएम आकांक्षा कंडारी एवं सुरेश नपच्याल,डीजीएम नाबार्ड भूपेंद्र कुमावत,तथा सभी जनपदों से आए शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे।