नए साल के स्वागत में प्रदेशवासी जाम छलकाने में भी पीछे नहीं रहे। साल के अंतिम दिन 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब पी गई। आबकारी महकमे को अंतिम जो राजस्व मिला वह आम दिनों की तुलना में लगभग दोगुने से भी ज्यादा रहा। इसमें सबसे ज्यादा राजस्व देहरादून और नैनीताल से मिला। इनकी भागीदारी कुल राजस्व में आधे से ज्यादा की रही जबकि बाकी राजस्व अन्य 11 जिलों से मिला। एक दिन के लिए शराब परोसने के लिए कुल 600 बार लाइसेंस लिए गए। इनमें भी देहरादून ने ही बाजी मारी। पूरे प्रदेश में नए साल का जश्न बड़े धूमधाम से मनाया गया। इसकी तैयारियों के लिए शासन के निर्देश पर पूरी रात रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति दी गई थी। जबकि बार खुलने के समय को भी आम दिनों की अपेक्षा तीन घंटे बढ़ा दिया गया था। रात दो बजे तक बार खोले गए। एक दिन की शराब बिक्री से आबकारी महकमे को 14.27 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ। इसमें सबसे अधिक भागीदारी अंग्रेजी शराब की रही। इस दौरान 37 हजार से अधिक अंग्रेजी शराब की पेटियां बेची गईं जबकि, दूसरे नंबर पर नौ हजार से अधिक पेटियां बियर की बिकी। राजस्व का तीसरा हिस्सा देसी शराब बिक्री का रहा। देसी शराब की 11 हजार से अधिक पेटियों की बिक्री हुई। आम दिनों में इसके आधे से भी कम बिक्री होती है। बता दें कि आबकारी विभाग इस साल पिछले साल की तुलना में राजस्व के मामले में 200 करोड़ रुपये आगे चल रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 4400 करोड़ रुपये का है।
अंग्रेजी शराब- 37161 पेटियांबियर- 9436 पेटियांदेसी शराब- 11206 पेटियां
हरिचंद सेमवाल, आयुक्त आबकारी विभाग
इस साल प्रवर्तन की कार्रवाई सख्त रही। यही कारण था कि इस बार पिछले साल की तुलना में वन डे बार लाइसेंस भी दोगुने जारी किए गए। शराब बिक्री के मामले में भी महकमे को पहले से अधिक एक दिन में राजस्व प्राप्त हुआ है।

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