रक्षाबंधन की पवन अवसर पर 8 अगस्त को संख्या योग फाउंडेशन और IIPC ने, सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स के सहयोग से, इस त्योहार को एक नए अर्थ के साथ मनाया। यहाँ राखी केवल कलाई पर नहीं सजी, बल्कि महिलाओं के बीच भरोसे, सहयोग और स्नेह के अटूट बंधन का प्रतीक बनकर इस त्योहार के महत्व को और गहरा कर गई कार्यक्रम में समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी 25 प्रेरणादायी

महिलाएं एक साथ आईं—किसी ने अपनी ज़िंदगी स्वास्थ्य सेवा में समर्पित की, किसी ने समाजसेवा में, तो कोई योग, कला या व्यवसाय के ज़रिये बदलाव ला रही है। यह विविधता ही इस विशेष सम्मेलन की सबसे बड़ी खूबसूरती रही। सम्मेलन में प्रमुख प्रतिभागियों में शामिल रहीं – समाजसेवी समता शुक्ला, रमनप्रीत कौर, मंजू जैन, अनीता भट्ट, गीता, वसुंधरा, लक्ष्मी बिष्ट, सुमन सिंह, दीपा और मधु जैन; योग विशेषज्ञ शीटल और सरोजिनी; अधिवक्ता ऋतु गुज्जराल; चिकित्सक डा. उर्जा आहुजा और शाक्षी मित्तल (आयुर्वेद); उद्यमी नूरी कमाल (संस्थापक, YouthEver); मेकअप आर्टिस्ट हीना और डांस एक्सपर्ट अक्षिता।
कार्यक्रम में सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स की ओर से देहरादून हेड सौरव श्रीवास्तव, मार्केटिंग हेड धस्माना और उनकी टीम मौजूद रही। संख्या योग फाउंडेशन और IIPC की ओर से डा. मुकुल शर्मा और गीता चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
गर्मजोशी भरे आयोजन में महिलाओं ने अपने अनुभव, कार्यक्षेत्र की यात्राएं, चुनौतियां और सफलताओं की कहानियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि उनके लिए रक्षाबंधन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि विश्वास, सहयोग और आपसी सम्मान का जीवंत प्रतीक है, जो जीवन में विशेष महत्व रखता है। चर्चा का केंद्र रहा – सशक्तिकरण, साथ और नारी-सौहार्द। राखी बांधने की रस्म ने इस भावना को और गहरा किया कि महिलाएं न केवल अपने परिवार की, बल्कि एक-दूसरे के सपनों और सम्मान की भी सशक्त संरक्षक हैं।
सेंको टीम और आयोजकों की मौजूदगी ने इस आयोजन को और आत्मीय बना दिया। कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि ऐसे मंच आगे भी बनते रहेंगे, जहां महिलाएं जुड़ें, सीखें और साथ आगे बढ़ें।

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