श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पाबों, थलीसैण व खिर्सू विकासखण्डों में आपदा से हुये नुकसान के आंकलन के लिये संबंधित विभागों की टीम को मौके पर भेजने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिये हैं, जो कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर दैवीय आपदा से हुये नुकसान का आंकलन करते हुये रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायेगी। इसके साथ ही क्षेत्र के क्षतिग्रस्त विद्यालयों, मोटरमार्गों व पुलिया आदि का निर्माण कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। जिसके लिये आपदा मद से धनराशि जारी करने का अधिकारी शासन द्वारा जिलाधिकारी व मण्डलायुक्त को दिया गया है। आपदा की जद में आये विभिन्न गांवों के विस्थापन व पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भी जिलाधिकारी को दिये गये हैं।

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सूबे कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में आपदा को लेकर विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। जिसमें उन्होंने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पाबों, थलीसैण व खिर्सू विकासखण्डों में आपदा से हुये नुकसान के आंकलन को विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम प्रभावित गांवों में भेजने के निर्देश दिये, जो आपदा से हुये नुकसान का सटीक आंकलन कर विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। डॉ. रावत ने बैठक में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन व जिला अधिकारी पौड़ी को क्षेत्र के क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों, मोटर मार्गों, पुलों व स्कूलों के निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिये। जिसके लिये आपदा मद से धनराशि जारी करने के अधिकार जिलाधिकारी व मण्डालायुक्त को पूर्व में सरकार द्वारा दिये जा चुके हैं। जिसके तहत निर्माण कार्यों के लिये जिलाधिकारी अपने स्तर से 1 करोड़ जबकि मण्डालयुक्त 5 करोड़ तक की धनराशि जारी कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने क्षतिग्रस्त स्कूलों के निर्माण को आपदा मद से 20 करोड़ की धनराशि जारी है, उन्होंने महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को उक्त धनराशि में से आवश्यकता अनुसार सभी जनपद को आवंटित करने के निर्देश दिये ताकि क्षतिग्रस्त स्कूलों का निर्माण समय पर किया जा सके। इसके अलावा उन्होंने आपदा की जद में आये सैंजी व मासों गांवों के लगभग 35 परिवारों के विस्थापन व पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भी जिलाधिकारी को दिये।
बैठक में डॉ. रावत ने कहा कि पाबौं, खिर्सू, पैठाणी, थलीसैण, श्रीनगर व चौथान क्षेत्र में करीब 66 गांवों में जलापूर्ति बाधित है जबकि 11 गांवों में विद्युत लाइने क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा दर्जनों सड़कें आपदा में बह गई हैं, जिससे आम जनमानस को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों का एक दल शीघ्र क्षेत्र में भेजने के निर्देश भी दिये ताकि आपदाग्रस्त क्षेत्रों की भूगर्भीय सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार कर भविष्य में ठोस योजनाएं तैयार की जा सके।

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बैठक में लोक निर्माण विभाग, आपदा प्रबंधन, विद्यालयी शिक्षा, ऊर्जा, पेयजल, ग्राम विकास, कृषि, ब्रिडकुल, पीएमजीएसवाई आदि विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

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