देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इस वर्ष प्रवासी कल्याण समिति द्वारा आयोजित छठ पूजा महोत्सव अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व लोकसभा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का विशेष आगमन हुआ। स्थानीय कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया तथा उन्हें हनुमान जी की गदा भेंट कर सम्मानित किया गया

मुख्य अतिथि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि छठ पर्व भारतीय संस्कृति और सनातन आस्था का प्रतीक है, जो समाज में समरसता, निष्ठा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि सूर्योपासना का यह पर्व श्रम, संयम और समर्पण का परिचायक है, और हमें अपनी परंपराओं को पीढ़ियों तक जीवित रखना चाहिए। उन्होंने छठी मैया से प्रदेश और देशवासियों के सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की कामना की

कार्यक्रम में भाजपा उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, प्रदेश मंत्री नेहा जोशी, देहरादून ग्रामीण जिलाध्यक्ष मीता सिंह, दायित्वधारी मधु भट्ट, प्रभा बंदूनी समेत भाजपा के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने सूर्य उपासना कर छठी मैया से आशीर्वाद प्राप्त किया

इस भव्य आयोजन की कमान कार्यक्रम संयोजक राकेश मिश्रा ने संभाली, जिनके नेतृत्व और सूझबूझ से पूरा आयोजन अनुशासित और प्रेरणादायक रूप से सम्पन्न हुआ। मिश्रा के साथ समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी बाल मुकुंद तिवारी तथा पूरी टीम प्रवासी समाज के सदस्यों, कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम स्थल पर छठ घाट को पारंपरिक लोकसज्जा, दीपों और पुष्पों से सजाया गया था। महिलाओं ने पारंपरिक वस्त्रों में व्रत रखकर सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित किया। चारों ओर “जय छठी मैया” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
अतिथियों ने प्रवासी कल्याण समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड में बसे बिहार-झारखंड मूल के प्रवासियों के सांस्कृतिक जुड़ाव और एकता का प्रतीक भी है।
कार्यक्रम के अंत में संयोजक राकेश मिश्रा ने सभी अतिथियों, पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कहा कि समिति आने वाले वर्षों में भी इसी श्रद्धा और सौहार्द के साथ छठ महोत्सव का आयोजन करती रहेगी।
भक्ति, सांस्कृतिक समरसता और सामाजिक एकता का यह उत्सव देर रात तक श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में चलता रहा।
