स्कूल या इंस्टीट्यूशन अच्छे या बुरे नहीं होते , माता-पिता और समाज अपने प्रयासों से बच्चों को वह जो आज है वहां तक पहुंचाते हैं। अगर आपको लगता है कि आपके संपूर्ण प्रयासों के बाद भी बच्चा सही से पढ़ लिख नहीं रहा है या आसामाजिक तत्वों के संपर्क में आ रहा है तो विश्लेषण की आवश्यकता होती है। शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था को दोष देने मात्र से हमारा उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता क्योंकि अंतिम परिणाम हमें और समाज को भोगने होते हैं। बहुत छोटी-छोटी बातें हैं जो आपको बच्चों के स्कूल में प्रवेश के साथ ही प्रारंभ कर देनी होती है जैसे बच्चों को प्रश्न पूछने की पूर्ण आजादी दें और प्रयास करें कि उनके उत्तर आप उन्हें समझाने में कामयाब हों। दादा- दादी, नाना- नानी याद परिवार के सदस्यों के साथ उनका वार्तालाप उनकी तार्किक क्षमता को बढ़ाता है बच्चों को रिश्तेदारों के मध्य विकसित होने दें। बच्चों की एक दूसरे को देखा देखी अनावश्यक डिमांड जैसे बर्थडे पर दोस्तों का जमावड़ा या देर रात बाहर घूमने की जिद और बहुत कम उम्र में ट्यूशन जाना जैसी आदतों को खत्म करने का प्रयास करें।
अगर आप बच्चों को अनावश्यक रूप से कुछ भी याद करने को बाध्य करते हैं तो आप उसकी सोचने समझने की शक्ति को खत्म कर रहे हैं , एक छोटे बच्चे को पांच महासागरों के नाम, पांच प्रकार की चिड़िया के नाम ,पांच प्रकार की नदियों के नाम वगैरह -वगैरह हास्यास्पद है ।इसके स्थान पर अगर उन्हें पूछा जाए अगर चिड़िया ही ना हो तो क्या हो ?अगर बारिश ना हो तो क्या हो ?अगर कुछ दिन तक सूर्य ना निकले तो क्या होगा ? इस तरह की सोचने की शक्ति को विकसित करने वाले प्रश्न पूछे जाएं तो अच्छा हो ।
आपका बच्चा अभी अपनी मातृभाषा भी ठीक से समझ नही पाया है और आप उसे अंग्रेजी सिखाने पर आमादा हैं तो आपने उसका बचपन छीन लिया है।
एक छोटे बच्चे को भाषा ज्ञान और सामान्य गणितीय व्यवहार सिखाने के लिए माता पिता अपने घर से प्रारंभ कर सकते हैं अनावश्यक रूप से बच्चे पर किताबों का बोझ ना डाला जाए जब कोई भी बच्चा जब अपने आसपास की चीजों को समझने लगता है और अपनी मातृभाषा में उसे व्यवहारिक रूप से अपनाने लगता है तब वह दूसरी भाषा को सीखने के लिए तैयार होता है लेकिन अफसोस माता पिता बच्चे के मुंह से सेब नहीं एप्पल सुनना चाहते हैं। 10 साल तक के बच्चों के लिए माता-पिता से अच्छा अध्यापक कोई नहीं हो सकता।
माता बच्चों को श्रुतलेख अपने घर पर रहकर करवा सकती हैं। किचन में उपयोग किए जाने वाले बर्तन ,सामग्री हिंदी और इंग्लिश में लिखवा सकते हैं, प्रिय जनों के नाम ,उनसे रिश्ते दोस्तों को पोस्टकार्ड ,चिट्ठी ,मेल और मैसेजेस करना शुद्ध तरीके से सिखा सकती हैं इसके लिए उन्हें किसी ट्यूशन भेजने या किसी बड़े इंस्टिट्यूशन में एडमिशन दिलाने की आवश्यकता नहीं होती गणितीय व्यवहार घर में उपस्थित चीजों का मोल भाव , आप बिजली के बिल राशन का बिल, इतनी ही कैलकुलेशन एक 10 साल तक के बच्चे के लिए जरूरी है अनावश्यक रूप से उसे किताबों के बोझ तले ना दबाया जाए याद रखें आप एक इंसान तैयार कर रहे हैं ना कि एक मशीन ध्यान दें बच्चा आपका है, परन्तु, नागरिक, देश का है। अपने बच्चे को अच्छा इंसान बनाकर देश सेवा व मानव सेवा के लिए तैयार कर अपना भी योगदान सुनिश्चित करें।

विभा पोखरियाल नौडियाल
Teacher and Student counsellor

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