बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कार्यकाल आज पूरा हो रहा है, और नए अध्यक्ष की ताजपोशी पर धामी सरकार फैसला लेगी। वर्ष 2022 में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने के बाद धामी सरकार ने बीकेटीसी का गठन किया था, जिसमें भाजपा नेता अजेंद्र अजय को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

अजेंद्र अजय ने अपने तीन साल के कार्यकाल में बीकेटीसी की कार्य संस्कृति में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। उन्होंने यात्रा को सुव्यवस्थित करने और बदरीनाथ व केदारनाथ समेत 47 छोटे-बड़े मंदिरों का प्रबंधन देखने वाली बीकेटीसी के ढांचे में बड़े बदलाव किए।

वर्ष 1939 में अंग्रेजों के समय गठित बीकेटीसी में पहली बार कर्मचारियों के लिए तबादला नीति बनाई गई, जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया। इसके अलावा, बीकेटीसी में कर्मियों की पदोन्नति और नियुक्तियों में पारदर्शिता के लिए सेवा नियमावली लागू की गई।

अजेंद्र अजय के कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है कि बीकेटीसी की आय में कई गुणा वृद्धि हुई है। केदारनाथ धाम में मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया गया और चारधाम यात्रा के दौरान वीआईपी अतिथियों के दर्शन पर शुल्क लागू किया गया।

अजेंद्र अजय ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में मंदिर समिति की कार्य संस्कृति में सुधार लाने के साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया। अब धामी सरकार नए अध्यक्ष की ताजपोशी पर फैसला लेगी

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