उत्तराखंड़ अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की रविवार को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में सोमवार को बेरोजगार युवाओं का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा। घंटाघर से लेकर परेड ग्राउंड तक प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

बेरोजगार संघ के आह्वान पर प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल के नेतृत्व में सैकड़ों युवा परेड ग्राउंड पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मुख्य सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। बीएनएसएस की धारा-163 लागू होने के बावजूद युवाओं ने सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया।

कंडवाल ने आरोप लगाया कि परीक्षा शुरू होने के महज 35 मिनट बाद ही प्रश्नपत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। 卐यह महज कुछ पन्नों का मामला नहीं है, बल्कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। आयोग के अंदर बैठे जिम्मेदार अधिकारियों और संदिग्ध लोगों की

जांच होनी चाहिए। कॉल रिकॉर्डिंग तक खंगाली जाए, तभी सच सामने आएगा, उन्होंने कहा।

रविवार को प्रदेशभर में 445 केंद्रों पर परीक्षा कराई गई थी। बेरोजगार संघ ने दावा किया कि वायरल हुए सवाल अभ्यर्थियों के पेपर से हूबहू

मिले। आयोग ने हर केंद्र पर जैमर लगाए थे, फिर भी पेपर बाहर कैसे पहुंचा, इस पर सवाल उठे हैं।

बेरोजगार संघ के समर्थन में स्वाभिमान मोर्चा भी मैदान में आ गया।

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पवार ने कहा, नकल रोधी कानून का डर दिखाकर युवाओं की आवाज नहीं दबाई जा सकती। अगर सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और व्यापक होगा। इस दौरान दोनों संगठनों ने मांग

की है कि पूरे मामले की जांच सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो और बेरोजगार युवाओं का भरोसा

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