स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर
यह कार्यशाला डॉ नीरंजना की अगुवाई में की गई
डॉ नीरंजना ने छात्राओं को बताया कि मासिक धर्म स्वच्छता, प्रजनन पथ के संक्रमण के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है और किशोर लड़कियों के लिए स्वास्थ्य शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। शैक्षिक प्रशिक्षित स्कूल नर्स/स्वास्थ्य कर्मी, शिक्षक और जानकार माता-पिता आज की किशोरियों तक सही मासिक धर्म स्वच्छता का महत्वपूर्ण संदेश प्रसारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं
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मासिक धर्म महिलाओं के लिए एक अनोखी घटना है। मासिक धर्म की शुरुआत किशोरावस्था के दौरान लड़कियों में होने वाले सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक है। पहला मासिक धर्म (मेनार्चे) 11 से 15 वर्ष के बीच होता है। किशोरियां मासिक धर्म प्रारंभ होने पर भयभीत और चिंतित नजर आती है। सही जानकारी न मिलने पर से मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित होती हैं विशेषकर भारत में जहाँ लड़कियों की उपेक्षा की जाती
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है। भारतीय समाज में मासिक धर्म को अभी भी अशुद्ध या गंदा माना जाता है। मासिक धर्म पर प्रतिक्रिया विषय के बारे में जागरूकता और ज्ञान पर निर्भर करती है। जिस तरह से एक लड़की मासिक धर्म और उससे जुड़े परिवर्तनों के बारे में सीखती है, उसका मासिक धर्म की घटना के प्रति उसकी प्रतिक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है। हालाँकि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन यह कई गलत धारणाओं और प्रथाओं से जुड़ा हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल परिणाम होते हैं।
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं की स्वच्छता संबंधी प्रथाएं काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे प्रजनन पथ संक्रमण (आरटीआई) के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि के रूप में स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। सामाजिक-आर्थिक स्थिति, मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं और आरटीआई की परस्पर क्रिया ध्यान देने योग्य है। आज लाखों महिलाएं आरटीआई और इसकी जटिलताओं से पीड़ित हैं और अक्सर यह संक्रमण गर्भवती मां की संतानों में भी फैल जाता है।
जिन महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता और सुरक्षित प्रथाओं के बारे में बेहतर जानकारी है, वे आरटीआई और इसके परिणामों के प्रति कम संवेदनशील हैं। इसलिए, बचपन से ही मासिक धर्म के बारे में बढ़ी हुई जानकारी सुरक्षित प्रथाओं को बढ़ा सकती है और महिलाओं की पीड़ा को कम करने में मदद कर सकती है। विद्यालय के प्राचार्य श्री मयंक शर्मा ने बताया कि कार्यशाला अत्यंत महत्वपूर्ण एवं जानकारी भरी रही तथा छात्राओं को इस प्रकार की जानकारी मिलने से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई