सोशल मीडिया पर सहकारिता विभाग को लेकर की जा रही मनगढ़ंत बयानबाज़ी पर विभागीय उच्चाधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती ने बताया कि कुछ शरारती तत्वों के द्वारा गलत तथ्यों को आधार बनाकर सोशल मीडिया पर सहकारिता विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है और माननीय सहकारिता मंत्री की छवि बिगाड़ने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिस लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी ( LUCC ) की बात की जा रही है, उसका सहकारिता विभाग से कोई लेना-देना नहीं और न ही यह सोसाइटी सहकारिता विभाग में पंजीकृत है। सिर्फ और सिर्फ अफवाह फैला कर विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है।

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अपर निबंधक ईरा उप्रेती ने कहा कि फेसबुक, व्हट्सएप एवं अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा विभाग की प्रतिष्ठा धूमिल करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी।

उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत ऐसे मामलों में तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है, साथ ही मानहानि का मामला अलग से बनता है। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट के अनुसार किसी भी इलेक्ट्रानिक माध्यम (कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट आदि) का प्रयोग किसी व्यक्ति के खिलाफ दुष्प्रचार करने, मिथ्या आरोप लगाने, अनर्गल टिप्पणी करने, प्रतिष्ठा गिराने, छींटाकशी करने या किसी की प्रतिष्ठा पर कीचड़ उछालने के लिए किया जाता है तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई एवं कारावास का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में आईटी एक्ट के अलावा मानहानि के आधार पर भी आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।

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उक्त संबंध में यदि पुनः किसी भी व्यक्ति के द्वारा या सोशल मीडिया पर विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जाएगा तो विभाग के द्वारा उक्त व्यक्ति या सोशल मीडिया संस्थान पर संबंधित धाराओं में कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी अतः कोई भी समाचार या सोशल मीडिया पोस्ट अपलोड से पूर्व सत्यता की जांच कर ली जाए तो उचित रहेगा

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