उत्तराखंड की विख्यात मशरूम लेडी दिव्या रावत और उसका भाई पुलिस की गिरफ्त में जानिए वजह ।

देहरादून : उत्तराखंड में मशरूम गर्ल नाम से अपनी पहचान बनाने वाली दिव्या रावत जालसाजी के एक विवाद को लेकर चर्चाओं में है।

बताया जा रहा है की दिव्य रावत और उसके भाई राजपाल रावत को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ पुणे ग्रामीण के पौंड थाने में एक कारोबारी द्वारा धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था।

क्या है पूरा मामला कौन है भाखड़ा ?

यह तो सभी जानते है की दिव्या रावत उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से जानी जाती है और उन्हें राष्ट्रपति से भी सम्मान प्राप्त हुआ है। दिव्य रावत अपने भाई के साथ मिलकर सौम्या फूड नाम की कंपनी संचालित करती है लेकिन ऐसा क्या हुआ की मशरूम गर्ल को गिरफ्तार होना पड़ा। दरसल भाखड़ा 2019 में अपनी फर्म के लिए कोई काम देख रहे थे। इस दौरान उनका संपर्क दिव्या रावत से हुआ। दिव्या रावत ने कहा था कि वह अपने भाई राजपाल के साथ मिलकर कॉर्डिसेस फिटनेस के नाम से एक प्रोडक्ट शुरू करने जा रही है। इसके लिए वह एक शोरूम भी बनाना चाहती है। इस प्रस्ताव पर भाखड़ा ने हां कर दी और महाराष्ट्र से कारीगर बुलाकर काम शुरू करा दिया।

उस वक्त सभी काम में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ। इसका बिल उन्होंने दिव्या रावत को भेजा तो रावत ने केवल 57 लाख रुपये ही देने के लिए कहा। बाद में जब रावत से पैसा मांगा तो वह गाली-गलौज और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी। सितंबर 2022 में पता चला कि दिव्या रावत के भाई राजपाल रावत ने भाखड़ा के खिलाफ नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज करा दिया। भाखड़ा पर आरोप लगाया कि उन्होंने 77 लाख रुपये की ठगी की है। पौंड पुलिस ने अपने मुकदमे में जब जांच शुरू की तो पता चला कि दिव्या रावत ने जो भाखड़ा के नाम से शपथपत्र बनवाया था वह मेरठ में झूठा बनवाया गया था।

इस आधार पर दिव्या रावत और राजपाल रावत के खिलाफ जालसाजी की धाराएं भी जोड़ दी गईं। पौंड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज यादव ने बताया कि दिव्या रावत और राजपाल रावत को गत नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भी लिया गया है।

मुकदमे से बचने के लिए दिव्या ने मांगे 30 लाख रुपए ।
सूत्रों के अनुसार दिव्या ने देहरादून में भाखड़ा के खिलाफ जो झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था वह उस मुकदमे से बचने के लिए भाखड़ा से पैसे मांग रही थी। दिव्या ने 32 लाख रुपयों की मांग की थी । इस पर भाखड़ा ने 10 लाख रुपये देने को कहा। उन्होंने दिव्या रावत और राजपाल रावत को 10 लाख रुपये का ड्राफ्ट देने के लिए पुणे बुलाया। भाखड़ा ने जब रावत को ड्राफ्ट दिया तो पौंड पुलिस ने दिव्या को उनके भाई के साथ गिरफ्तार कर लिया।

झूठे मुकदमे में जेल भी जा चुके है भाखड़ा

दिव्या ने भखड़ा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 77 लाख रुपये लेकर भी काम नहीं किया। इसके लिए दिव्या ने भाखड़ा की फर्म के नाम से एक फर्जी शपथपत्र मेरठ से तैयार कराया। पुलिस ने जांच करते हुए भाखड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। भाखड़ा कुछ दिनों तक जेल में भी रहे थे

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