भूविज्ञानी और हिमालय के तमाम विषयों के गहरे जानकार प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट को एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष (एचओडी) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले वह इसी विभाग में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रहे थे। प्रो. बिष्ट उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) में निदेशक भी रह चुके हैं। उन्हें हिमालयी क्षेत्र में कार्य करने का 35 साल का लंबा अनुभव है। जिसमें वह भूविज्ञान के विभिन्न पहलुओं, ग्लेशियर्स, पर्यावरण और प्राकृतिक आपदा के विषयों पर तमाम
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शोध कार्यों को अंजाम दे चुके हैं। बतौर एचओडी उनकी प्राथमिकता छात्रों में भूविज्ञान के प्रति अनुसंधान की क्षमता को प्रखर बनाना है। इसके लिए वह उत्तराखंड और देश के विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञों को विश्वविद्यालय में आमंत्रित करने का प्रयास भी करेंगे। ताकि इसका लाभ छात्रों को मिल सके एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के नवनियुक्त विभागाध्यक्ष (एचओडी) प्रो. एमपीएस बिष्ट का कहना है कि उत्तराखंड आपदा संवेदनशील प्रदेश है। इस लिहाज से देखें तो भूविज्ञान की अहमियत और बढ़ जाती है। विश्वविद्यालय से निकलने वाले छात्र प्रदेश में आपदा प्रबंधन की दिशा में भी बेहतर काम कर सकें, इसके लिए उन्हें अधिक से अधिक शोध कार्यों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वह खुद को विज्ञान का छात्र मानते हैं। ताकि वह सीखने की प्रक्रिया को निरंतर जारी रख सकें। वह स्वयं जितना अधिक सीखने का प्रयास करेंगे, छात्रों को भी उतना ही ज्ञान अग्रसारित किया जा सकेगा आईएसआरएस-डीसी के अध्यक्ष भी हैं प्रो. बिष्ट
प्रोफसर एमपीएस बिष्ट इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग-देहरादून चैप्टर (आईएसआरएस-डीसी) के अध्यक्ष भी हैं। वह विभिन्न विषयों पर 12 पीएचडी संपन्न कर चुके हैं। साथ उनके नाम 11 पुस्तकों और 93 शोध कार्यों का प्रकाशन भी दर्ज है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में निदेशक रहते हुए प्रो. एमपीएस बिष्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न फ्लैगशिप कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन कराया। जिसमें जल जीवन मिशन, पीएम गति शक्ति मिशन, जैवविविधता संरक्षण, लैंड यूज एंड लैंड कवर मैपिंग, टूरिज्म प्लानिंग जैसे कार्यक्रम शामिल हैं