मुंबई कौथिग महोत्सव-2025 में कौथिग का निमंत्रण स्वीकार कर उत्तराखण्ड के वन मंत्री सुबोध उनियाल उत्तराखण्ड से मुंबई कौथिग में शामिल हुए। कौथिग के मुख्य संयोजक केशर सिंह बिष्ट, हमारे प्रहरी फाउंडेशन की अध्यक्षा कुसुमलता, सरस्वती कुकरेती, अनिल बिंजोला, रंजीत बिष्ट, महेन्द्र सिंह मेहरा, सुरेन्द्र बिष्ट द्वारा माननीय मंत्री उनियाल का कृतज्ञता एवं गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डियों को अपने राज्य के विकास में सक्रिय रूप से भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को अपने गांव अपनी पैतृक भूमि से जुडाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य आपकी कर्मभूमि है, और इसके विकास में भी आप सभी की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रम संचालित कर रही है। उन्होंने प्रवासियों को वापस आकर उत्तराखण्ड को विकसित करने के लिए आमंत्रित किया।
कैबिनेट मंत्री श्री उनियाल ने कौथिग के निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया एवं प्रसन्नता जाहिर करते हुए आयोजनकर्ताओं को भव्य महोत्सव के आयोजन की बधाई एवं शुभकामनायें दी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन प्रवासियों की एकता एवं अपनी संस्कृति व परंपराओं के संवर्द्धन का कार्य करते है।
इस अवसर पर कैबिनैट मंत्री उनियाल द्वारा सभी स्टाल का भ्रमण किया गया। सभी काश्तकार विक्रेताओं से आत्मीयता से मिलकर उनकी कुशलक्षेत्र पूछी।कार्यक्रम में नगर सेवक रुचा पाटिल, शिवसेना जिलाध्यक्ष रामचंद्र पाटिल आदि उपस्थित थे।
श्री केशर सिंह बिष्ट ने बताया कि मुंबई मैं उत्तराखण्ड के प्रवासियों का अपनी संस्कृति सभ्यता का 10 दिवसीय 16वां मुंबई कौथिग महोत्सव का आयोजन सानपाडा नवी मुंबई के झाँसी की रानी मैदान में 31 जनवरी 2025 को शुरू हो गया है, जिसमें मुंबई के दूरस्थ हर उपनगर से प्रवासी भारी संख्या में शामिल हो रहे हैं।अपनी संस्कृति एवं परम्परा के अनुसार माँ नंदा देवी जी की डोली नंदा देवी मंदिर से विशाल कलश यात्रा के साथ कार्यक्रम स्थल पर स्थापित की गई। विशाल एवं भव्य मंच, रंग बिरंगे स्टाल, एपन कला द्वारा सज्जा रंग बिरंगी रोशनाई से जग मग माहौल मैं गीत संगीत नृत्य के साथ साँस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे है। प्रतिदिन विभिन्न कीर्तन मंडलियों द्वारा कीर्तन भजन पूजा एवं आरती होती है।
उत्तराखण्ड से आए कलाकारों में छोलिया ग्रुप, गायक ललित गीत्यार, धनराज सूर्या, रमेश उप्रेती, गोपाल गुसाईं, सनी दयाल, संगीता ढौंढियाल, नीमा भंडारी ने अपने सुमधुर गीतों से जन समूह का मनोरंजन कर रहे हैं।
कौथिग मैं स्थानीय कलाकार भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं गीतकार प्रतिभा, शोभा सुंदरियाल, गढ़ कुमाऊं पर्वतीय समाज-विरार, एरोली की बालिकाएं, रितु एंड ग्रुप, प्रिया ग्रुप, सुशी ग्रुप विक्रोली ने नृत्य एवं प्रसिद्ध रामी बौराणी नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई।
कौथिग परिसर में उत्तराखण्ड से लाई गई पहाड़ी दालें, लाल चावल, घी, शहद, अचार, अखरोट, पारम्परिक आभूषण माला चूडी चुनरी आदि पहाड़ी सामान के स्टाल लगे हैं। इसके अलावा स्थानीय विक्रेताओं के भी विभिन्न स्टाल लगे हैं। पहाड़ी भोजन के साथ हर तरह के खाने के स्टाल मौजूद हैं। फ्री मेडिकल कैम्प, लाइव चित्रकला बच्चों के झूले लगे हैं। प्रतिदिन उपस्थित अतिथियों का स्वागत सत्कार किया जाता है तथा पहाड़ी टोपी भेंट स्वरूप दी जाती है।
कौथिग के संयोजक केशर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन वर्ष 2008 से उत्तराखंड के मुंबई प्रवासियों को आपस में जोड़ने व अपनी संस्कृति का उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। यह 16 साल का आयोजन है। इस बार अन्य राज्यों की लोक संस्कृति हिमाचल, पंजाब, महाराष्ट्र गुजरात के कलाकारों भी आमंत्रित किया गया है। संस्कृति और परंपराओं की सुगंध से महकता यह कारवां, अपनी धरोहर को सहेजते हुए उल्लास और उमंग के साथ आगे बढ़ रहा है।