भारत के प्रमुख स्टार्टअप यूनिवर्सिटी के रूप में अपनी पहचान मजबूत करते हुए, यूपीईएस ने हाल ही में 23 करोड़ की फंडिंग से युवा उद्यमियों को नई दिशा दी है। इस पहल में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, आईआईटी रोपड़, बिट्स पिलानी, एसआरएम यूनिवर्सिटी, यूआईईटी पंजाब यूनिवर्सिटी, नागपुर यूनिवर्सिटी, आईबीएस मुंबई और यूपीईएस के प्रतिभाशाली नवोन्मेषकों ने हिस्सा लिया। द पिच नामक यह हाई-स्टेक शार्क टैंक स्टाइल फंडिंग कार्यक्रम यूपीईएस परिसर, देहरादून में आयोजित किया गया।
इस पहल में शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स ने पुरस्कार राशि के लिए प्रतिस्पर्धा की, जो विश्वविद्यालय की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि उद्यमशील प्रतिभाओं को वास्तविक संसाधन और मेंटरशिप से समर्थन दिया जाएगा। यूपीईएस न केवल अपने विद्यार्थियों और शिक्षकों में नवाचार की संस्कृति विकसित कर रहा है, बल्कि परिसर से परे भी नए युग के जॉब क्रिएटर्स का निर्माण कर रहा है।
द पिच में छात्र उद्यमियों, अनुभवी निवेशकों और उद्योग जगत के नेताओं का एक विविध समूह एकत्र हुआ। कुल 12 स्टार्टअप्स ने अपने बिजनेस आइडिया प्रस्तुत किए, जिन्हें विश्वविद्यालय नेतृत्व, निवेशकों और इकोसिस्टम एनाब्लर्स की प्रतिष्ठित जूरी ने आंका। कार्यक्रम के अंत में विजेता टीमों की घोषणा की गई और उन्हें अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण फंडिंग का अवसर मिला।
प्रमुख स्टार्टअप्स में एन्विनोवा स्मार्टक प्राइवेट लिमिटेड शामिल रहा, जिसने स्मार्ट और टिकाऊ स्पेस बनाने के लिए अपनी अभिनव सौर ऊर्जा समाधानों के लिए फंडिंग हासिल की, जेनेटिको रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक्स प्रा. लि., जिसे दुर्लभ और अनुवांशिक रोगों में रोगी परिणामों को बेहतर बनाने के लिए अपनी उन्नत तकनीकों और सॉफ्टवेयर को बढ़ाने हेतु समर्थन मिला; ओथनियल्स एक्सपेरिमेंट लैब्स टेक्नोलॉजीज प्रा. लि., जिसे शिक्षा सलाहकारों को एआई-पावर्ड टूल्स और विशेषज्ञ डिज़ाइन कार्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए फंडिंग प्राप्त हुई, और रियागविस प्रा. लि., जो वित्त, बीमा और कानून प्रवर्तन जैसे क्षेत्रों में डीपफेक डिटेक्शन और विजुअल ऑथेंटिसिटी सॉल्यूशंस विकसित कर रहा है। इनके समाधान नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, एजुकेशन टेक्नोलॉजी और डीपटेक सुरक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जो यूपीईएस और व्यापक स्टार्टअप समुदाय में नवाचार की गहराई को दर्शाते हैं।
इस कार्यक्रम का मूल्यांकन डॉ. राम शर्मा, कुलपति, यूपीईएसः श्री नवीन मेहता, मुख्य वित्तीय अधिकारी, यूपीईएस, डॉ. अभिषेक सिन्हा, हीन, स्कूल ऑफ लॉ, यूपीईएस, और श्री विवेक झोरार, संस्थापक, ट्रेमिस कैपिटल ने किया। शैक्षणिक, निवेश और औद्योगिक विशेषज्ञता के संगम ने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक पिच का मूल्यांकन नवाचार, मापनीयता और वास्तविक प्रभाव की क्षमता के आधार पर किया गया।
कार्यक्रम की महत्ता पर विचार व्यक्त करते हुए राहुल नैनवाल, डीन, स्कूल ऑफ बिजनेस, यूपीईएस ने कहा, “द पिच यूपीईएस की एक सशक्त स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शुरुआती चरण के उद्यमों में निवेश करके हम केवल विचारों का समर्थन नहीं कर रहे, बल्कि साहसी सपनों, भविष्य के नेताओं और एक ऐसी नवाचार संस्कृति का समर्थन कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत हमारे परिसर से होती है।”
निवेशक के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए श्री विवेक झोरार ने कहा, “द पिच संस्थापकों के लिए निवेशकों से सीखने और जुड़ने का एक शानदार अवसर है। सफल फंडिंग से पूंजी के साथ-साथ दृश्यता और मीडिया कवरेज के अवसर भी बढ़ सकते हैं, जिससे विकास को गति मिलती है।”
2021 में लॉन्च किया गया रनवे, यूपीईएस का स्टार्टअप इनक्यूबेटर, तेजी से उद्यमिता विकास के लिए एक सशक्त मंच बन गया है। चार वर्षों से कम समय में इसने 250 से अधिक स्टार्टअप्स को समर्थन दिया है और डीएसटी, मेटी, बिराक स्पर्श, नीति आयोग और उत्तराखंड सरकार जैसी राष्ट्रीय और राज्य संस्थाओं से ₹20 करोड़ से अधिक के अनुदान आकर्षित किए हैं। यूपीईएस के ही फैकल्टी और छात्रों के स्टार्टअप्स, जैसे पेंशन बॉक्स, पूग्रीन टेक्नोलॉजीज और इंडियन हैम्पस्टोर को भी रनवे के माध्यम से उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त हुआ है।
द पिच यूपीईएस के इस व्यापक दृष्टिकोण का प्रमाण है कि उद्यमिता को उच्च शिक्षा के ताने-बाने में एकीकृत किया जाए। अकादमिक उत्कृष्टता को वित्तीय सहायता और मेंटरशिप के व्यावहारिक अवसरों से जोड़कर, विश्वविद्यालय भारत सरकार की इस सोच के अनुरूप कार्य कर रहा है कि भारत को नवाचार-आधारित उद्यमिता का वैश्विक केंद्र बनाया जाए