राजकीय फार्मेसी अधिकारियों के मान्यता प्राप्त सेवा डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट वार्ता कर राज्य के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में पूर्व से सृजित फार्मासिस्टों के 391 पदों को क्रियाशील करने व फार्मेसिस्ट संवर्ग में प्रथम एमएसपी पर पदोन्नति के पद का वेतनमान दिए जाने की मांग की है। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल बिष्ट और मंडलीय सचिव मुकेश नौटियाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वर्ष 2006 में राज्य के अतिदुर्गम और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता को प्राथमिक उपचार की सुविधा के लिए 536 चिहिंत स्वास्थ्य उपकेंद्रों में फार्मेसिस्ट के पदों का सृजन किया गया था, इन पदों पर तैनात फार्मेसी अधिकारियों द्वारा आज तक पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को प्राथमिक उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। लेकिन वर्ष 2021 में राज्य में केंद्र सरकार के आईपीएचएस मानकों का हवाला देकर किए गए फार्मेसिस्ट संवर्ग के पुनर्गठन में इन पदों को स्थगित कर समाप्त किया जा रहा है। जबकि इन पदों में तैनात फार्मेसी अधिकारियों द्वारा आज भी ग्रामीण जनता को प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की कि स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्थगित किए गए फार्मेसी अधिकारियों के इन 391 पदों को क्रियाशील किया जाए। संगठन का कहना है कि केंद्र द्वारा जारी IPHS मानक राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप नहीं हैं, क्योंकि इन मानकों में पर्वतीय क्षेत्रों में बीस हजार की आबादी पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना का प्रावधान रखा गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में गांव दूर दूर तक छितरे होते हैं और बीस हजार की आबादी लगभग 100 किमी के दायरे में भी पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए गांवों में लोग प्राथमिक उपचार से वंचित हो जाते हैं। यहां ग्रामीणों को गांव के नजदीक प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने के लिए पूर्व में फार्मेसिस्ट के पद सृजित किए गए थे जिन्हें स्थगित नहीं किया जाना चाहिए। विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग ने भी इन पदों को यथावत रखने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया है, क्योंकि राज्य अपनी भौगोलिक जरूरत के अनुसार आईपीएचएस मानकों में छूट प्राप्त कर सकता है। इसलिए संगठन ने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य उपकेंद्रों के 391 पदों को क्रियाशील करने की पुरजोर मांग की। साथ ही संगठन ने मांग की कि राज्य में फार्मेसी अधिकारियों को 35 वर्ष आरंभिक पद में सेवा देने के बाद भी प्रथम पदोन्नति नहीं हो पाती है, इसलिए राज्य के फार्मेसी अधिकारियों को दस वर्ष की सेवा पर प्रथम पदोन्नति के पद का वेतनमान दिया जाए। संगठन ने राज्य कर्मचारियों को एसीपी के रूप में पदोन्नति के पद का वेतनमान दिए जाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष सुधा कुकरेती, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल बिष्ट, गढ़वाल मंडल सचिव मुकेश नौटियाल आदि उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें:  डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी का 125 वाँ जन्म दिवस के उपलक्ष में एक संगोष्ठी एवं हरेला का महापर्व "एक पेड मां के नाम" का आयोजन संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भट्ट जी द्वारा किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *