सूबे के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों में 72 नये असिस्टेंट प्रोफेसरों को तैनाती दी गई है। सभी नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों को प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र में आने वाले महाविद्यालयों में तैनाती दी गई है। जिससे यहां की शिक्षण व्यवस्था और सुदृढ़ होगी।
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेशभर के महाविद्यालयों में शिक्षकों के वर्षों से रिक्त पदों को भरने में जुटी है। जिसके तहत पिछले पांच-छह वर्षों में शिक्षकों के एक हजार से अधिक पदों को भरा जा चुका है। इसी क्रम में राज्य लोक सेवा अयोग से चयनित विभिन्न विषयों के 72 असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित महाविद्यालयों में तैनाती दे दी गई है। जिसमें अर्थशास्त्र विषय में 28, अंग्रेजी 25 व समाजशास्त्र में 19 सहायक प्राध्यापक शामिल है। नये 72 असस्टिंट प्रोफसरों को विभिन्न जनपदों यथा उत्तरकाशी में 03, अल्मोड़ा 12, पिथौरागढ़ 08, नैनीताल 01, टिहरी 06, पौड़ी 16, देहरादून 02, बागेश्वर 08, चमोली 12, चम्पावत 03 तथा रूदप्रयाग में 01 असस्टिंट प्रोफसरों को तैनाती दी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न विषयों के लिये सहायक प्राध्यापकों के 455 पदों पर भर्ती का अधियाचन राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा गया था। जिसमें से आयोग द्वारा 15 विषयों के 140 चयनित सहायक प्राध्यापकों की सूची विभाग को उपलब्ध कर दी गई है, जिनको विभाग द्वारा विभिन्न पर्वतीय जनपदों के महाविद्यालयों में तैनाती दे दी गई है। जबकि अवशेष 315 पदों पर चयन प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने बताया कि अबतक उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लगभग 90 फीसदी से अधिक पदों को भरा जा चुका है। महाविद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती से पर्वतीय व दुर्गम क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को स्थानीय स्तर पर बेहतर उच्च शिक्षा प्राप्त होगी। डॉ. रावत ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति महाविद्यालयों में नैक मूल्यांकन में सहायता मिलेगी साथ ही महाविद्यालय स्तर पर विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का भी संचालन किया जा सकेगा।