यह पुस्तक आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्वपीठिका में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के गुमनाम नायकों के बलिदान और संघर्षों को केंद्र में रखकर लिखी गई है मुख्यमंत्री ने ‘भूले बिसरे मतवाले’ की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उन महान नायकों को श्रद्धांजलि है, जिन्हें इतिहास में अपेक्षित स्थान नहीं मिल पाया। उन्होंने लेखक जय प्रकाश पाण्डेय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के बलिदान से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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