मुंबई में 4 से 5 मार्च को आयोजित एक कार्यक्रम में यूपीईएस विश्वविद्यालय के निदेशक विधिक- डॉ० बैज नाथ ने “लीगल एकेडमिशियन ऑफ द ईयर” की श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया। उन्हे यह पुरस्कार भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति बी० एन० श्रीकृष्ण द्वारा प्रदान किया गया न्यायमूर्ति बी० एन० श्रीकृष्ण को भारत में डेटा गोपनीयता कानून के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है। “लीगल एकेडमिशियन ऑफ द ईयर”

पुरस्कार विधिक उत्कृष्टता के लिए एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो उच्च व्यावसायिक परीक्षण के कठोर परीक्षणों के बाद ही विजेता को सम्मान स्वरूप प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के लिए नामित व्यक्ति को पहले प्रतिष्ठित जूरी द्वारा छांटे जाने के उपरांत शॉर्ट-लिस्ट किया जाता हैए जिसे अंत में ग्रैंड जूरीए जिसमें कानूनी बिरादरी के शीर्ष मस्तिष्क और प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं, द्वारा तय किया जाता है जो इस प्रकार है इन पुरस्कारों के लिए ग्रैंड जूरी में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति बी०एन० कृष्ण सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम० सिंह , दिल्ली उच्च न्यायालय और जिया मोदी , प्रबंध पार्टनर ए०जेड०बी० एंड पार्टनर्स शामिल थे। जूरी के सदस्यों में न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी , सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट, न्यायमूर्ति ए. के. गोयल . सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट, न्यायमूर्ति एम.आर. शाह , सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट, न्यायमूर्ति तलवंत सिंह , सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिल्ली उच्च न्यायालयय इंदिरा जयसिंह , वरिष्ठ अधिवक्ताय डॉ. मेनका गुरुस्वामी , वरिष्ठ अधिवक्ता और डॉ. राघवेंद्र जी . सेवानिवृत्त नौकरशाह (Bureacrat) व आई०पी० कानून सलाहकार शामिल थे।