प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तरकाशी के धराली सहित अन्य आपदाग्रस्त क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों को हर हाल में बेहतर और त्वरित उपचार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और गंभीर रूप से घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।

डॉ. रावत ने आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी जनपदों में आपातकालीन सेवाओं 108 एम्बुलेंस सेवा सहित ‘खुशियों की सवारी’ को अलर्ट मोड पर रखते हुए पूर्ण क्रियाशील रहने के निर्देश दिये। साथ ही अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं एवं आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।

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स्वास्थ्य मंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मार्ग बाधित होने की स्थिति में जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर घायलों को डंडी-कंडी के माध्यम से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों तक लाने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रोन के माध्यम से भी दवाइयों और जीवनरक्षक उपकरणों की आपूर्ति करने पर बल दिया, ताकि हर हाल में समय पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जा सके।

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डॉ. रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशक को जनपद व ब्लॉक स्तर पर विशेष चिकित्सा दलों के गठन के निर्देश दिए जो आपात स्थिति में तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत व उपचार कार्य कर सकें। उन्होंने सभी स्तरों पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने को भी कहा ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में समन्वय बना रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आपातकालीन चिकित्सा सहायता एवं मानसिक स्वास्थ्य परामर्श हेतु टोल फ्री नम्बर 14416 का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ टोल फ्री नम्बर 104 के माध्यम से जनसामान्य को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है ताकि समय पर सहायता सुनिश्चित हो सके।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में 28 एम्बुलेंस सक्रिय रूप से तैनात हैं, जिनमें 108 सेवा की 19 और विभागीय 9 एम्बुलेंस शामिल हैं, जबकि 10 एम्बुलेंस रिजर्व में रखी गई हैं। इसके अतिरिक्त आपदा क्षेत्र में विशेष चिकित्सीय टीम को भी भेजा गया है जिनमें 11 विशेषज्ञ चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों से, 6 विशेषज्ञ स्वास्थ्य विभाग से, तथा 5-5 स्टाफ नर्स और फार्मासिस्ट शामिल हैं।

बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपांगी, डॉ. आर.सी. पंत, संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत मोहन जौहरी, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. जे.एस. चुफाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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