विगत 31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि से

(ढाबा-होटल-कैंटीन, घोड़ा-खच्चर, कंडी-डंडी, टैंट-कैम्प, अन्य

दुकानें आदि) प्रभावितों को उचित

मुआवजा, चोपता-मोहनखाल-तुंगनाथ मोटर मार्ग, उषाड़ा-दैड़ा

एवं किणझाणी में भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट करने, विद्यापीठ में

स्थित महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर बी.ए.सी. कक्षाओं का

संचालन शुरू करने, जगतोली-कोटखाल को जरम्वाड़ तक

जोड़े जाने, चौमासी से पैदल मार्ग निर्माण करने, तुंगनाथ घाटी

के प्रभावितों को मुआवजा, वनतोली में पैदल पुल निर्माण एवं

अन्य क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की।
जिनके जल्द समाधान के लिए मा० मुख्यमंत्री जी ने
सकारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। अतिवृष्टि से प्रभावितों
व प्रभावित क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करना प्रदेश
सरकार की प्राथमिकता है।

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