उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव तय सीमा समाप्त होने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा समय पर निकाय चुनाव न कराए जाने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की एकलपीठ ने राज्य सरकार के शहरी विकास के प्रमुख सचिव के खिलाफ समय पर नगर निकाय चुनाव नहीं कराने पर अवमानना नोटिस जारी कर 11 जून तक स्थति स्पष्ट करने के निर्देश दिए है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 11 जून की तिथि नियत की है।
अधिवक्ता डीके जोशी ने बताया आज ही राज्य सरकार को नोटिस सर्व करा दिए गए है।
आपको बता दे कि जसपुर निवासी मो. अनीश व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर पालिकाओं व नगर निकायों का कार्यकाल दिसम्बर माह में समाप्त हो गया है। लेकिन कार्यकाल समाप्त हुए एक माह बीत गया है फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नही किया उल्टा निकायों में अपने प्रशाशक नियुक्त कर दिए। प्रशाशक नियुक्त होने की वजह से आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि निकायों के चुनाव कराने हेतु सरकार को याद दिलाने के लिए पूर्व से ही एक जनहित याचिका कोर्ट में विचाराधीन है।जनहित याचिका में कहा है कि सरकार को कोई अधिकार नही है कि वे निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशाशक नियुक्त करे। प्रसाशक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है। उस स्थिति में भी सरकार को छः माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। यहाँ इसका उल्टा है। निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। लेकिन अभी तक चुनाव कराने का कर्यक्रम घोषित तक नही हुआ। ऊपर से निकायों में अपने प्रसाशक नियुक्त कर दिए जो कि संविधान के विरुद्ध है। लोक सभा व विधान सभा के चुनाव निर्धारित तय समय मे होते है लेकिन निकायों के तय समय मे क्यों नही। नियमानुसार निकायों के कार्यकाल समाप्त होने से छ महीने पहले चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो जाना था जो अभी तक नही हुआ

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