राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ सूबे के प्रत्येक व्यक्ति को मिले। जिसके लिये योजनाओं के क्रियान्वयन एवं मॉनिटिरिंग के साथ ही प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी समय-समय पर योजनाओं की समीक्षा करेंगे।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित एनएचएम सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। डॉ. रावत ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आमजन तक पहुचाने के दृष्टिगत विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। जिनके धरातल पर क्रियान्वयन, मॉनिटिरिंग व प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। इसके लिये परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों को अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर के साथ-साथ जनपद स्तर पर भी विभिन्न योजनाओं की समय पर मॉनिटिरिंग अति आवश्यक है। जिसके लिये उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं परियोजना के डीपीएम को निर्देश दिये हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि एनएचएम के अंतर्गत राज्य में लगभग 28 स्वास्थ्य परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें मोतियाविंद का निःशुल्क उपचार एवं चश्मा वितरण, टीबी उन्मूलन, जनन सुरक्षा, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनसीडी एवं कृमि मुक्त कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव, तम्बाकू उन्मूलन, निःशुल्क जांच एवं औषधि वितरण तथा आशा कार्यक्रम आदि प्रमुख है। जिनका लाभ शत-प्रतिशत प्रदेश के अंतिम गांव के लोगों तक पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की गाइडलाइन के अनुरूप शत-प्रतिशत परिणाम देना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिये रोड़मैप तैयार करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त खुशियों की सवारी कार्यक्रम के तहत वाहनों की संख्या बढ़ाई जायेगी जिसके लिये प्रत्येक जनपद से सीएमओ प्रस्ताव उपलब्ध करायेंगे।
समीक्षा बैठक में दौरान विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं से जुड़े अधिकारियों द्वारा योजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। इस दौरान विभागीय मंत्री ने कई योजनाओं की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुये अधिकारियों को फटकार लगाते हुये कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों द्वारा बताया गया कि टीबी उन्मूलन एवं राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान है जबकि जननी सुरक्षा योजना एवं संस्थागत प्रसव कार्यक्रमों की प्रगति को सभी संतोषजनक बताया गया।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, कुलपति उत्तराख्ांड मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल. ब्रह्म भट्ट, एमडी एनएचएम स्वाती भदौरिया, सलाहकार एनएचएम डॉ. तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तारा आर्य, निदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. मीतू शाह, वित्त नियंत्रक एनएचएम दिपाली भरने, सीएमओ देहरादून डॉ. संजय जैन, डॉ. आर.के.सिंह, डॉ. तुहिन कुमार, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. महेन्द्र मौर्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी व डीपीएम ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।