मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बार निकाय चुनाव प्रचार में फ्रंट फुट पर खेलते नजर हुए नजर आए। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक शायद ही कोई एक ऐसी जगह हो जहां मुख्यमंत्री धामी नहीं पहुंचे और यकीन मानिए जहां पुष्कर धामी पहुंचे वहां जनता का ऐसा हुजूम उमड़ा की विरोधियों के पसीने छूट गए

निकाय चुनावों की कमान पुष्कर धामी ने जैसे ही अपने हाथ में ली तो भाजपा के विजय रथ को नई रफ़्तार मिल गई। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को संगठन द्वारा स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी मिलते ही हर जगह से उनकी डिमांड बढ़ने लगी और मुख्यमंत्री धामी ने केवल 12 दिनों में ताबड़तोड़ 52 चुनावी कार्यक्रम किए। निकाय चुनावों में पुष्कर धामी के इस विजय अभियान ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी। विधानसभा चुनाव के जैसे ही पुष्कर सिंह धामी ओपनर बैट्समैन की तरह विपक्षियों को ऐसे धोते हुए नजर आए कि कांग्रेस इस बार भी उनका कोई तोड़ नहीं निकाल पाई

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पुष्कर सिंह धामी ने मुखर होकर जनता के बीच अपनी सरकार के कार्यों को रखा। इतना ही नहीं उन्होंने लैंड जिहाद, थूक जिहाद और समान नागरिक संहिता जैसे विषयों को भी जनता के बीच प्रभावशाली बनाया। कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं को भी अनेक ऐसे मुद्दों पर ऐसे घेरा कि उनकी स्थिति दयनीय हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर कड़े तेवर दिखाते हुए कांग्रेसी वादों और नीतियों की पोल खोली। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार, विकास कार्यों की अनदेखी और जनकल्याण के प्रति असंवेदनशीलता को जनता के सामने रखा।

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मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस के नेताओं पर यह आरोप भी लगाया कि वे सिर्फ वोटबैंक, तुष्टिकरण और सनातन के विरोध की राजनीति करते रहे हैं और कभी भी राज्य की वास्तविक समस्याओं पर गंभीरता से काम नहीं किया। इस तरह मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस के विरोधियों को हर मोर्चे पर जवाब देते हुए चुनावी मैदान में अपनी पार्टी को मजबूत किया और चुनावी माहौल को पूरी तरह से अपने पक्ष में कर लिया।

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अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेहनत निकाय चुनाव में कमल खिला पाती है या नहीं ? कयास लगाए जा रहे हैं जिस तरह से सीएम धामी ने कार्यकर्ताओं और पार्टी को एकजुट करते हुए चुनाव को एकतरफा बनाया है उससे तो 25 जनवरी के दिन भाजपा मुख्यालय में मिठाई बंटनी तय है।

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