शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभाग विषयों में रिक्त पदों के सापेक्ष एक हजार नये अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में रिक्त पदों की सूचना तत्काल निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। इन अतिथि शिक्षकों को प्रदेश के पर्वतीय व दुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में तैनात किया जायेगा ताकि दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में पठन-पाठन बिना किसी व्यवधान के चल सके।

दिल्ली दौरे से लौटने के उपरांत सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अपने शासकीय आवास पर आज शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिये अतिथि शिक्षकों की भर्ती के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्य कैबिनेट द्वारा शिक्षकों की कमी को देखते हुये प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में विभिन्न विषयों के 5200 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की मंजूरी दी गई थी। जिसके सापेक्ष विभाग द्वारा 4200 अतिथि शिक्षकों की ही नियुक्ति की गई। विभागीय मंत्री ने कहा कि पूर्व में स्वीकृत सूची में से अवशेष 1000 अतिथि शिक्षकों को गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषय में नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों से उक्त विषयों में रिक्त पदों की सूचना निदेशालय में एक सप्ताह के भीतर मंगा ली जाय।

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बैठक में विभागीय मंत्री डॉ रावत ने डी श्रेणी के विद्यालयों में निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को सभी जनपदों से डीपीआर मंगाकर शीघ्र शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने कामकाज में लापरवाही बरतने वाली कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही कर उनके स्थान पर नई कार्यदायी संस्था का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग के लिए निदेशालय व शासन स्तर के अधिकारियों को एक-एक जनपद की जिम्मेदारी सौंपी। स्वीकृत बजट को समय पर खर्च किया जा सके।

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बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू, एम एम सेमवाल, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्व्याल, निदेशक माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट, अपर परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डॉ मुकुल सती सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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