उत्तराखण्ड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य आगमन पर उन्हें देवभूमि की जनता की ओर से एक गंभीर और संवेदनशील ज्ञापन सौंपने हेतु जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा। ज्ञापन में राज्य में आई भीषण प्राकृतिक आपदाओं, जन-धन की क्षति और लंबे समय से उपेक्षित जनहित मुद्दों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई है

प्रमुख मांगें और जनहित बिंदु:

  1. उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए — पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने, भूस्खलन और अतिवृष्टि से व्यापक तबाही हुई है, जिसे राष्ट्रीय आपदा का दर्जा मिलना चाहिए।
  2. ₹20,000 करोड़ का आपदा राहत पैकेज — पुनर्निर्माण, पुनर्वास और त्वरित राहत कार्यों के लिए केंद्र से विशेष आर्थिक सहायता की मांग।
  3. विशेष राज्य का दर्जा पुनः बहाल किया जाए — उत्तराखण्ड की भौगोलिक, पर्यावरणीय और सामाजिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह दर्जा अत्यंत आवश्यक है।
  4. स्थानीय युवाओं को 85% आरक्षण — सरकारी व निजी क्षेत्रों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता देने हेतु आरक्षण नीति लागू की जाए।
  5. अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच — तीन वर्षों से लंबित इस संवेदनशील मामले में VIP आरोपी का नाम आज तक उजागर नहीं हुआ है, जिससे न्याय प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।
  6. अग्निवीर योजना की समाप्ति और पुरानी भर्ती प्रणाली की बहाली — राज्य के हजारों युवाओं के सैन्य सेवा के सपनों को ठेस पहुंची है, जिसे पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए।
  7. ‘ग्रीन बोनस’ की स्वीकृति — पर्यावरणीय संरक्षण में योगदान देने वाले राज्यों को विशेष प्रोत्साहन देने की नीति के तहत उत्तराखण्ड को ‘ग्रीन बोनस’ दिया जाए। रौतेला ने कहा,“उत्तराखण्ड की जनता ने प्रधानमंत्री पर विश्वास कर उन्हें प्रचंड बहुमत दिया था। आज वही जनता खुद को उपेक्षित और ठगा हुआ महसूस कर रही है। यह समय है जब प्रधानमंत्री को देवभूमि की पुकार सुननी चाहिए और ठोस निर्णय लेने चाहिए।”
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महिला कांग्रेस ने ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे इन जनहित मुद्दों पर त्वरित और सकारात्मक निर्णय लें, जिससे उत्तराखण्ड की जनता को राहत, सम्मान और न्याय मिल सके

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