उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दो प्रादेशिक क्षेत्रों की मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति का नाम दर्ज होने से संबंधित मामले में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज होने के बाद याचिका करता शक्ति सिंह बर्त्वाल ने आज राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र प्रेषित कर प्रदेश के ऐसे प्रत्याशियों की सूची है जिनके नाम दो से अधिक वोटर लिस्ट में शामिल है। शिकायतकर्ता ने कहा माननीय हाई कोर्ट का 11 जुलाई का फैसला यथावत है जिसमें माननीय हाई कोर्ट द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के उसे पत्र को स्थगित कर दिया था जिसमें आयोग द्वारा ऐसे प्रत्याशियों को छूट दी गई थी जिनका नाम एक से अधिक मतदाता सूची में शामिल है।

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न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दिनांक 6 जुलाई 2025 को आयोग द्वारा जारी आदेश को लागू नहीं किया जा सकता है। न्यायालय साफ कर चुका है कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम, 2016 की धारा 9 की उपधारा (6) और (7) के उल्लंघन के आधार पर पारित किया गया था, इसलिए इसे बदलना न्यायसंगत नहीं होगा।

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उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग को तकरीबन 500 से अधिक नाम की सूची सौंप गई है जिन प्रत्याशियों का नामांकन संबंधित जनपद रिटर्निंग अधिकारी द्वारा स्वीकार किया गया है ऐसे प्रत्याशियों की सूची पृथक पृथक से शिकायतकर्ता को प्राप्त हुई है जिसे आधार बनाकर आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया है। शिकायत करता ने कहा कि इस पर तत्काल कार्रवाई करें अन्यथा की स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना माना जाएगा और शिकायतकर्ता पुन न्यायालय की शरण लेगा। राज्य में एक व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग निकायों की मतदाता सूची में दर्ज होना आपराधिक श्रेणी में आता है। ऐसे में उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने किस आधार पर ऐसे लोगों को चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी है, यह गंभीर विषय है

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