उत्तराखंड में केदारनाथ उप चुनाव की तारीख सबके समक्ष है ऐसे में हर चुनाव के भाती इस बार भी कांग्रेस में अंदर खाने एक दूसरे के प्रति मतभेद एक बार फिर उठने लगा है । इस उपचुनाव में भी कांग्रेस में गुटबाजी की बदबू आने लगी है।प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बीच खटपट का टोकरा प्रदेश प्रवक्ता पर फूट चुका है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को केदारनाथ
उपचुनाव में ऑब्जर्वर का अध्यक्ष बनाया गया था। जिसे कहीं ना कहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई नेता खफा थे
ऑब्जर्वर की दावेदारों की लिस्ट तैयार होने के बाद उसे केंद्र नेतृत्व को सीधा भेज दिया गया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट बयान जारी करते हुए कहा कि प्रक्रिया के अनुसार पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लिस्ट भेजनी चाहिए थी ,उसके बाद उसे केंद्र नेतृत्व को भेजा जाना चाहिए। जिससे कहीं ना
कहीं कांग्रेस की भीतर घात एक बार फिर सबके सामने आ गई। लेकिन यह बयान कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पर ही भारी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। रुद्रप्रयाग के जिला कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष समेत जिले के बड़े पदाधिकारी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी वेणुगोपाल को पत्र लिख डाला। जिसमें शीशपाल सिंह बिष्ट के बयानों पर अनुशासन के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारी पर भी करवाई करने की मांग की है ।
माना जा रहा है कि इस चिट्ठी के बाद शीशपाल सिंह बिष्ट की दावेदारी पर भी इसका असर पड़ेगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस में बड़े नेताओं के बीच नोकझोंक में शीशपाल सिंह बिष्ट एक मोहरा है ।
फिलहाल यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति इस पर कोई एक्शन लेगी। या उत्तराखंड कांग्रेस में बढ़ती दरारें कांग्रेस की जमीन को बंजर कर देगी ।