गैरसैंण: गैरसैंण में मानसून सत्र से जनता को जो उम्मीद और उत्साह था वह निराशा में बदल गया है जनता को उम्मीद थी की सरकार कुछ बड़ा फैसला लेगी सरकार ने बड़ा फैसला तो लिया नहीं लेकिन अपनी तनख्वाह चार लाख कर गए प्रदेश के आपदा पीड़ित टकटकी लगाए थे की हमारे माननीय कुछ हमारी भी फ्रिक करेंगे और एक

एक महिने की तनख्वाह आपदा पीड़ितों को देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि गैरसैंण उत्तराखंड सरकार के मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस खुद ही अपने चक्रव्यूह में फंस गई पार्टी के तीन बार के वरिष्ठ विधायक जो हमेशा जनता के हितों के लिए लड़ते हैं और जनता का काम ना होंने पर अपनी सरकार के खिलाफ धरना पर बैठ जाते हैं ऐसे धारचूला के धाकड़ विधायक हरीश धामी ने विपक्ष और कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाये
उन्होंने मामले में राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है हरीश धामी ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष ने आज आधे घंटे का समय आपदा पर चर्चा करने का दिया गया था उन्हें पूर्व में आश्वासन मिला था कि उनके क्षेत्र की समस्या को उठाने के लिए सदन में उन्हें मौका दिया जाएगा परंतु उन्हें मौका नहीं दिया गया इतना ही नहीं विपक्ष नाली चौक होने और जल भराव की समस्याओं

पर बात कर रहा है। जबकि पहाड़ के आपदा ग्रस्त जिलों की कोई बात ही नहीं हो पाई खास बात यह भी है कांग्रेस ने सदन से वाकआउट किया था बावजूद उसके लंच के बाद हरीश धामी सदन में हिस्सा लेने पहुंचे हालांकि सत्र स्थगित हो चुका था हरीश धामी के यह तेवर बता रहे हैं कि वह जल्द ही कुछ बड़ा करने जा रहे हैंइतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो व्यक्ति अपने बूथ नहीं जीत पा रहे हैं वह हमें सलाह दे रहे हैं आने वाले समय में नगर पालिका नगर निकाय चुनाव में ऐसे नेताओं को जनता सबक सिखाएगी इशारों में ही उन्होंने यशपाल आर्य जो कि नेता प्रतिपक्ष हैं उनको कटघरे में खड़ा किया है।

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