उत्तराखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश

नई दिल्ली :-सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार के उस स्टे को खारिज कर दिया, जिसे सरकार ने बजट की कमी का हवाला देते हुए लगाया था।

हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी⤵️

2018 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उपनल कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया था कि सभी उपनल कर्मचारियों को एक वर्ष के भीतर चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए। लेकिन राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए स्टे हासिल करने में सफल रही थी। सरकार ने अदालत में यह तर्क दिया था कि कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए पर्याप्त बजट नहीं है। इस पर उपनल संघ ने सवाल उठाया कि जहां एक ओर सरकार महंगे वकीलों पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, वहीं अल्प वेतन पर काम कर रहे कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने न केवल उपनल कर्मचारियों के संघर्ष को मान्यता दी, बल्कि सरकार को आदेश दिया कि कर्मचारियों को अब चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए।

ये भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अतिवृष्टि से प्रभावित देहरादून जनपद के मालदेवता क्षेत्र एवं केसरवाला का स्थलीय निरीक्षण कर वहाँ की स्थिति का जायज़ा लिया

उत्तराखंड उपनल संविदा संघ ने इस जीत को सभी कर्मचारियों की सामूहिक एकजुटता का परिणाम बताया है। कुंदन सिंह बनाम उत्तराखंड सरकार मामले में संघ ने वर्षों से यह लड़ाई लड़ी है। संघ के जिला अध्यक्ष हरीश नग़ी ने कहा, “जिन कर्मचारियों ने इस संघर्ष के लिए आर्थिक सहयोग दिया, वे हमेशा आभारी रहेंगे।” वहीं, प्रदेश अध्यक्ष मनोज शर्मा ने इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिवक्ता का आभार व्यक्त किया।

ये भी पढ़ें:  एसएसपी दून के निर्देशो पर दून पुलिस द्वारा अकेले निवास कर रहे सीनियर सिटीजनों से मुलाकात कर ली गई उनकी कुशल क्षेम

जिला महामंत्री अनिल कोठियाल ने उन सभी कर्मचारियों और समर्थकों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस संघर्ष पर विश्वास बनाए रखा। उन्होंने कहा, “हम उन आलोचकों का भी धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमें मजबूत बनाने में योगदान दिया।”

अब सरकार के सामने चुनौती⤵️

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार के सामने अब कर्मचारियों को नियमित करने की चुनौती खड़ी हो गई है। सरकार को जल्द ही चरणबद्ध योजना तैयार कर सभी उपनल कर्मचारियों को नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यह फैसला न केवल उपनल कर्मचारियों के अधिकारों की जीत है बल्कि राज्य सरकार के लिए एक बड़ा सबक भी है कि कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करना अब संभव नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *