भाजपा के पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में नगर निगम देहरादून अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का अड्डा बना रहा है। स्मार्ट सिटी के नाम पर जिस प्रकार देहरादून की सड़कों और नालियों को गड्डों में तब्दील कर दिया गया तथा पूरे पांच साल देहरादून महानगर की आम जनता बुनियादी सुविधाओं से जूझती नजर आई। इसी प्रकार सफाई कर्मचारियों की मनमानी नियुक्ति एवं प्रचार-प्रसार के नाम पर नगर निगम में भारी लूट कर आम जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे की बंदरबांट की गई वह जनता से छुपी हुई नहीं है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है तथा अभी तक के सबसे घटिया निर्माण कार्य हुए हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यों की जांच की मांग की जाती रही परन्तु सरकार ने कोई कदम नहीं उठाये इसके विपरीत अपनी सरकार व नगर निगम के भ्रष्टाचार को ढकने के लिए लगातार निकाय चुनावों को टाला जाता रहा।
एक अन्य बयान में डॉ0 प्रतिमा सिंह ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने मलिन बस्तियों के मालिकाना हक को लेकर भी बस्तीवासियों को गुमराह करने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा 10 अगस्त, 2016 को मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के सम्बन्ध में अधिनियम/कानून लागू किया गया जिसे भाजपा सरकार द्वारा दरकिनार कर मलिन बस्तियों में कई हजार नोटिस वितरित किये गये जिससे एक दहशत का माहौल उत्पन्न करने की कोशिश की गई। बाद में तीन साल का एक अध्यादेश लाकर मलिन बस्तियों से खिलवाड़ किया गया। उन्होंने कहा कि देहरादून महानगर की जनता भाजपा के भ्रष्टाचार एवं झूठे वादों का जवाब 22 जनवरी को वोट के रूप में देगी तथा कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल एवं पार्षद प्रत्याशी भारी बहुत से विजयी होंगे

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