शिक्षा सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि जीवन का संस्कार है। इसी भाव के साथ “ज्ञान से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है और शिक्षा से ही भविष्य संवरता है” इस संदेश के बीच श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में सोमवार को सत्र 2025 के लिए नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं का दीक्षारंभ हुआ। नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नए सपनों के साथ विश्वविद्यालय में कदम रखते हुए छात्र-छात्राओं ने शपथ ली कि वे समाज और राष्ट्र की प्रगति में अपनी सार्थक भूमिका निभाएंगे। “हर शुरुआत एक नए उजाले की ओर पहला कदम है”

इसी प्रेरक विचार को आत्मसात करते हुए विश्वविद्यालय के 9 स्कूलों में प्रवेश लेने वाले देशभर से आए छात्र-छात्राओं का दीक्षारंभ एवं स्वागत भव्यता के साथ हुआ। दो दिवसीय यह कार्यक्रम 18 व 19 अगस्त 2025 तक आयोजित होगा। विश्वविद्यालय के माननीय प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि “शिक्षा तभी सार्थक है जब वह चरित्र निर्माण और समाज सेवा की ओर प्रेरित करे।” उन्होंने सभी नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।सोमवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ के सभागार में

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दीक्षारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ. कुमुद सकलानी, रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश गम्भीर तथा छात्र कल्याण अधिष्ठाता, प्रोफेसर डॉ मालविका कांडपाल के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। नए सत्र में प्रवेश लेने वाले स्कूल ऑफ पैरामेडिकल एंड एलाइड हेल्थ साइंसेज, स्कूल ऑफ बेसिक एंड अप्लाइड

साइंसेज, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स स्टडीज, स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, स्कूल आफ एजुकेशन, स्कूल आफ एग्रीकल्चरल साइंसेज़, स्कूल आफ योगिक साइंस एण्ड नैचुरोपैथी, स्कूल आफ ह्यूमैनिटीज़ एण्ड सोशल साइंसेज़ के छात्रों के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रवेशी छात्रों ने बढ़ चढ़कर और उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया


विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. (डाॅ.) कुमुद सकलानी ने नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को जीवन की दिशा निर्धारित करने वाले प्रेरक संदेश दिए। उन्होंने कहा कि “जीवन में सफलता पाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता। यदि लक्ष्य महान हैं, तो प्रयास भी महान होने चाहिए। बड़े सपने देखिए और उन्हें पूरा करने के लिए निरंतर परिश्रम कीजिए।” कुलपति ने आगे कहा कि केवल अकादमिक उपलब्धियाँ ही नहीं, बल्कि मानवीय मूल्य और जीवन के सिद्धांत ही व्यक्ति को समाज में सम्मान दिलाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय में बिताए अपने समय को चरित्र निर्माण, नेतृत्व क्षमता और समाज सेवा के लिए उपयोग करें।
“सच्ची शिक्षा वही है, जो आपको योग्य प्रोफेशनल ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनाए” इन शब्दों के साथ कुलपति ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे आने वाले वर्षों में अपनी प्रतिभा से विश्वविद्यालय और राष्ट्र का गौरव बढ़ाएँ। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मनोरोग विभाग में विभागाध्यक्ष एवम् प्रोफेसर डॉ. शोभित गर्ग (मनोचिकित्सा विभाग एवं चेयरपर्सन काउंसलिंग कमेटी) ने तनाव प्रबन्धन एवम् पढ़ाई के दौरान मानसिक दबाव से बचाव को टिप्स दिए। इस अवसर पर छात्रों को विश्वविद्यालय का परिचय एसजीआरआरईएम एवं एसजीआरआर विश्वविद्यालय पर आधारित 17 मिनट के वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से कराया गया।
विश्वविद्यालय को-ओर्डिनेटर डॉ. आर. पी. सिंह, कार्यक्रम में परीक्षानियंत्रक, डाॅ संजय शर्मा पोखरियाल ने भी छात्रों को संबोधित किया और उनके भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर संजय शर्मा पोखरियाल ने छात्रों को विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम, डिग्री, सेमेस्टर परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्णं जानकारियां सांझा की।
इस अवसर पर सीनियर छात्रों द्वारा योग पर आधारित नृत्य कार्यक्रम, नृत्य नाटिका और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सांस्कृति कार्यक्रमों में बाॅलीवुड, गढ़वाली, पंजाबी एवम् नेपाली गीत-संगीत की धूम रही। दीक्षारंभ कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ श्रेया कोटनाला द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन संयोजक प्रोफेसर डॉ मालविका कांडपाल के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर एवं राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। इस अवसर पर आइक्यूएसी की निदेशक प्रोफेसर, डॉ सोनिया गंभीर के साथ ही विश्वविद्यालय के समस्त पदाधिकारियों सहित विश्वविद्यालय के समस्त स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक गण समेत छात्र छात्राएँ मौजूद रहे

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